एक बार की बात है, एक गांव में एक लड़का रहता था। वह लड़का अपनी पुरानी यादों को ना भूल पाने की वजह से परेशान था। वह एक ही बात को बार-बार सोचता रहता था।
अगर उस लड़के को कोई कुछ कह देता या फिर उसके साथ कुछ थोड़ा सा भी गलत हो जाता, तो वह बस उसी एक घटना के बारे में पूरे दिन सोचता रहता था। वही बात उसके दिमाग में हर समय घूमती रहती थी।
फिर वह या तो अपने साथ हुई किसी बुरी घटना के लिए अपनी किस्मत को कोषता रहता या फिर अपने मन में उस इंसान से बदला लेने के ख़याली पुलाव बनाता रहता था।
अपनी इस ज्यादा सोचने की आदत की वजह से, ना तो लोगों के साथ उसके रिश्ते अच्छे थे, और ना ही वह किसी काम को अच्छे से कर पता था। वो इस वजह से हमेशा तनाव में और हमेशा परेशान रहता था।
उसकी यह हालत देखकर उसके एक दोस्त ने उसे सलाह दी, की यहाँ पास के गांव में एक बुजुर्ग रहते हैं, तुम उनके पास जाओ, वह तुम्हारी इस दिमागी प्रॉब्लम का कोई ना कोई हल जरूर बता देंगे।
वह लड़का उन बुजुर्ग के पास जाता है और अपनी सारी प्रॉब्लम उन्हें बताता है, की कैसे वह एक ही घटना के बारे में बार-बार सोचता रहता है, और पुरानी बुरी बातों को भूल नहीं पता है।
लड़के की पूरी बात सुनने के बाद वह बुजुर्ग आदमी उसे एक मिट्टी के गिलास में पानी भरकर देता है और कहता है, “इस गिलास का वजन कितना होगा?”
लड़के ने कहा मैं एकदम सही तो नहीं बता सकता हूं लेकिन इस गिलास का वजन बहुत ही कम है।
बुजुर्ग आदमी ने कहा, “मेरा सवाल यह है कि अगर मैं इस गिलास को थोड़ी देर तक ऐसे ही पकड़ कर खड़ा रहूं, तो क्या होगा?”
लड़के ने कहा कुछ भी नहीं होगा।
बुजुर्ग आदमी ने फिर से पूछा, “अगर मैं इस गिलास को इसी तरह एक घंटे तक पकड़ कर खड़ा रहूं, तो क्या होगा?”
लड़के ने कहा आपके हाथ में दर्द होने लगेगा।
बुजुर्ग आदमी ने फिर से उस लड़के से पूछा, “अगर मैं इस गिलास को बिल्कुल इसी तरह पूरे दिन पकड़ कर खड़ा रहूं, तो क्या होगा?”
लड़के ने कहा आपके हाथ में बहुत ही भयंकर दर्द होने लगेगा। और आपका हाथ सुन भी हो सकता है, आपकी मांसपेशियों में भारी तनाव आ सकता है, और यहां तक की आपके हाथ को लकवा भी मार सकता है।
बुजुर्ग आदमी ने मुस्कुराते हुए कहा, “बहुत बढ़िया”
लेकिन क्या इस दौरान गिलास का वजन बढ़ा? लड़के ने कहा “नहीं!” वजन तो नहीं बढ़ा, गिलास भी वही था, और गिलास में पानी भी उतना ही था।
फिर से उन्होंने उस लड़के से पूछा, “फिर भला मेरे हाथ में दर्द और मांसपेशियों में तनाव क्यों आया?”
लड़के ने जवाब दिया, “उस गिलास को बहुत समय तक पकड़े रहने के वजह से।”
बुजुर्ग आदमी ने फिर सवाल किया, “अब इस दर्द से छुटकारा पाने के लिए मैं क्या करूं?”
लड़के ने बड़े आराम से जवाब दिया, “गिलास को नीचे रख दीजिए!”
बुजुर्ग आदमी ने कहा, “बिल्कुल सही! और जिंदगी की परेशानियां भी कुछ इसी तरह होती है, इन्हें कुछ देर तक अपने दिमाग में रखोगे, तो कोई तकलीफ नहीं होगी। लेकिन अगर इनके बारे में ज्यादा देर तक सोचोगे तो दिमाग में दर्द शुरू हो जाएगा। अगर और भी देर तक अपने दिमाग में रखोगे, तो यह तुम्हें पागल बना देगी, और तुम कुछ भी नहीं कर पाओगे।”
बुजुर्ग आदमी ने उस लड़के की तरफ इशारा करके कहा, “जीवन के पिछले गलतियां और घटनाओं के बारे में सोचना जरूरी है, लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है उनसे सीख कर आगे बढ़ना! अगर तुम एक ही बात को पकड़ कर बैठे रहते हो, तो ठीक उसे गिलास की तरह यह भी तुम्हारी जिंदगी में दर्द पैदा कर देगी लड़के के चेहरे पर एक समझ का उजाला आया। उसने उस गिलास को धीरे से जमीन पर रख दिया, जैसे उसके दिमाग का बोझ भी उसी के साथ हल्का हो गया हो। बुजुर्ग आदमी मुस्कुराया और बोला, “देखो, बीते हुए कल को पकड़कर, आने वाले आज को हवा में खो देने का कोई फायदा नहीं है। हर चीज का एक वक्त होता है, बस तुम्हें उन्हें पहचानना और स्वीकार करना सीखना होगा।”
लड़के ने सिर हिलाया, अब उसकी आंखें उम्मीद से झिलमिला रही थीं। बुजुर्ग आदमी ने आगे कहा, “तुम्हारे अतीत ने तुम्हें बनाया है, लेकिन तुम्हारा वजूद केवल उसी में नहीं सिमटा हुआ है। अब तुम नए अनुभवों को समेटो, खुशियों को बटोरो, और अपने भविष्य का निर्माण करो। हर दिन को एक नए कैनवास की तरह देखो, जहां तुम अपने सपनों के रंग भर सकते हो।”
लड़का वापस गांव लौटा, उसके कंधे हल्के और मन निर्मल था। उसने अपने अतीत को माफ कर दिया, उसके सबक ले लिए, और अब वह आगे बढ़ने के लिए तैयार था। उसने पुरानी चीजों को छोड़कर नई शुरुआत करने का फैसला किया। धीरे-धीरे, उसने लोगों से जुड़ना शुरू किया, उनकी मदद की, और नए संबंध बनाए। वह अपने जख्मों से नहीं हार मानता, बल्कि उन्हें अपनी ताकत बनाने लगा।
एक दिन, वह वही बुजुर्ग आदमी से फिर मिला। इस बार, लड़के के चेहरे पर खुशी चमक रही थी। उसने गर्मजोशी से बुजुर्ग आदमी को धन्यवाद दिया और बताया कि कैसे उसने सलाह को जिंदगी में अपनाया और अब वह कितना खुश है। बुजुर्ग आदमी मुस्कुराया और कहा, “देखा न, जिंदगी बस इतनी ही सरल है। अतीत का बोझ हटा दो, वर्तमान को जियो, और भविष्य की उम्मीद के साथ आगे बढ़ो। यही जिंदगी जीने का असली सार है।”
उस दिन से, लड़का गांव में एक मिसाल बन गया। उसने सबको दिखाया कि जिंदगी का बोझ उठाना जरूरी नहीं है, बल्कि उसे हल्का करके खुश रहना सीखना चाहिए। वह अतीत की सीख के साथ, वर्तमान की खूबसूरती को जीता रहा, और अपने भविष्य का निर्माण करता रहा, एक बेहतर कल की उम्मीद के साथ।